जादू की छड़ी (खूबसूरत श्राप )
Fairy tales stories for kids
एक लड़का था। वह बहुत गरीब था वह बुद्धिमान और तेजस्विता था। गरीब होने के कारण वह पढ़ नहीं पा रहा था। उसका नाम चतुर आनंद था।
एक बार की बात है वह अपने दोस्तों के साथ गाय को चराने गया । गाय को एक ओर चरने के लिए छोड़ दिया और वह अपने दोस्तों के साथ कबड्डी खेलने लगा।
खेलते खेलते चतुरानंद को प्यास लगी, तो वह पानी पीने के लिए नदी की ओर गया ।नदी वहाँ से कुछ दूरी पर ही थी।
वह नदी किनारे गया ओर उसने पानी पिया ।
थोड़ी देर शांत बैठ गया तो चतुरनन्द की नजर एक छड़ी पर पड़ी, उसने वहा जाकर उस छड़ी को उठा लिया, क्योंकि छड़ी बहुत सुंदर थी। वैसे तो छात्र आनंद सीधा साधा था| जब वह घर आया तो उसे छड़ी को कोने में रख दिया और सो गया।
कुछ समय बाद फिर उसने फिर से वही छड़ी उठायी ओर देर तक देखता रहा तो फिर वह छड़ी बोली मैं जादू की छड़ी हूं ।
तुम मुझसे जो मांगोगे वही होगा, चतुर आनंद को बड़ा आश्चर्य लगा।
चतुर आनंद ने कहा जादू की छड़ी तुम्हारा जन्म कब हुआ ।
जादू की छड़ी बोली मेरा जन्म करीब 60 वर्ष पूर्व मुझे एक धनी व्यापारी ने खरीदा था ।
1 दिन की बात है वह धनी व्यापारी ने मुझे एक झाड़ी में छुपा दिया और चला गया,क्योकि उसे इसे वहा खोने का डर था उसने सोचा कि जब वह घर के लिए लौटेगा तब उसे लेकर घर चला जायेगा। उस समय वह देश गुलाम था। व्यापारी जंगल से गुजर रहा था तभी उसका सामना एक दुष्ट अंग्रेज से हुआ |
उसने उस धनी व्यापारी को मार डाला और मैं उसी झाड़ी में छुपी रही, और मुझे आज तुम लाए हो। कुछ दिनों तक चतुरनन्द ने बहुत से काम करवाये जादू की छड़ी से और अब दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गये।
एक दिन चतुरनन्द जादू की छड़ी को लेकर घूमते घूमते घने जंगल मे पहुँच गया । छड़ी ने कहा यह जंगल नहीं है, यह मायाजाल है। तुम्हे यहां के राक्षस को नष्ट करना होगा।
चतुर आनंद ने कहा मगर वह राक्षस तो बहुत बलवान होगा, और मैं साधारण लड़का उस राक्षस को नष्ट कैसे कर सकता हूं?
छड़ी ने कहा तुम डरो मत उस राक्षस को मारने का एक आसान तरीका है, छड़ी बोली उसके पास एक मणि है ।
जिससे तुम उसका नाश करोगे, उस मणि को तुम्हे सिर्फ उस राक्षस से स्पर्श करना है, और अगर वह राक्षस समझ गया कि तुम्हारे पास मणि हैं तो वह तुम्हे नही छोड़ेगा इसलिए बड़ी सावधानी से यह काम करना होगा ।
तुम उस मणि को अपने मुंह में दवा लेना और नौटंकी करके उसके शरीर से मणि को स्पर्श कर देना। चतुर आनंद बोला मैं समझ गया, मुझे यह बताओ कि मणि कैसे मिलेगी ।
छड़ी बोली चिंता मत करो मैं तुम्हें मणि के पास पहुंचा दूंगी ।
फिर चतुर आनंद ने चलना प्रारंभ किया कि तभी आंधी आई आंधी इतनी तेज थी कि चतुर आनंद कहीं चला गया और चतुर आनंद ने देखा कि चारो और से तेज़ प्रकाश आ रहा है पर आंधी कहा से आ रही है उसका पता नही चल रहा था ।
फिर चतुरनन्द समझ गया कि ये सब उस मणि से ही आ रहा है। वह फुर्ती से मणि को मुंह में अच्छी तरह से दवा लिया और चल दिया राक्षस को मारने| कुछ ही देर बाद में वह राक्षस के पास पहुंच गया,
और गूंगा होने का नाटक करने लगा और राक्षस के पैरों पर गिर पड़ा और मुंह में दवी मणि को स्पर्श करा दिया। स्पर्श कराने से उस राक्षस का नाश हो गया उसके मरते ही पूरा जंगल सोने का भवन हो गया।
जब उसे छड़ी की याद आई तो उसने मणि ने कहा अब मुझे जादू की छड़ी के पास ले चलो, कुछ ही देर में वह एक बहुत खूबसूरत लड़की के पास पहुच जाता है, और वह लड़की जादू की छड़ी ही थी।
उस जादू की छड़ी को श्राप था कि तुम्हें एक लड़की के साथ प्रेम करना होगा और उसी के साथ तेरी शादी होगी, तभी वह श्राप मुक्त हो पायेगी| (Fairy tales stories for kids)
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