बूड़ा शेर और मूर्ख गधे की कहानी
बच्चों यमुना नदी के किनारे एक बहुत बड़ा जंगल था | जिसका राजा शेर वहा बहुत लम्बे समय तक शान ने राज करता था और मनचाहा शिकार उसे मिल जाता था | पर समय के साथ-साथ उसकी उम्र भी डलती गयी जिसके परिणाम स्वरुप- “शेरखां, सिंह अब काफी बूढ़ा हो चुका था | वह शिकार नही कर सकता था इसलिए काफी दिनों तक उसे भूखा रहना पड़ता था | इससे वह काफी दुखी था |
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The lion and the foolish donkey story in Hindi |
एक दिन उसने सोचा कि जल्द से जल्द कोई ऐसा उपाय खोजना होगा जिससे उसे घर बैठे प्रतिदिन भोजन मिल सके वरना में ज्यादा दिन भूखे जिन्दा नही बच पाउगा | वह यह सब सोच ही रहा था की तभी उसकी नज़र वहा घूमते हुए रंगा नाम के सियार पड़ी और उसने रंगा सियार को अपने पास बुलाया | सियार ने आते ही सबसे पहले नमस्कार किया |
शेरखां ने कहा, “ मै तुम्हे ही ढूंढ रहा था | मैंने तुम्हारी बुद्धिमानी के बहुत सरे किस्से सुने है | मै तुमसे काफी प्रस्सन हूँ | “मै अपने लिए प्रधानमंत्री नियुक्त करना चाहता हूँ | काबिलियत के हिसाब से तुम्हे मेरा प्रधानमंत्री होना चाहिए |
वैसे तुम्हे मेरे भोजन का भी ध्यान रखना पड़ेगा |” रंगा काफी चालक सियार था | रंगा ने झट से कहा, “यह तो मेरा सौभाग्य हे महाराज | मै अभी जाकर आपके लिए भोजन का इन्तेजाम करता हूँ | यह बोलकर रंगा वहा से चला गया |
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The lion and the foolish donkey story in Hindi |
रंगा बहुत ही चलाक सियार था और तभी उसे एक गधा(The Foolish Donkey) गास चरते हुए दिख गया फिर क्या उसके दिमाग की बत्ती जली और वह गधे के पास जा पंहुचा | वह गधे से बोला, “श्रीमान, हमारे राजाधिराज महाराज शेरखां आपको अपने साम्राज्य का प्रधानमंत्री बनाना चाहते है |” यह सुनकर गधा हैरान रह गया और उसने पूछा “मै क्यों?”
सियार बड़ा ही चालक था वह तुरंत बोला – महाराज शेर को बहुत लम्बे समय से एक बुद्धिमान, मेहनती, ताकतबर और अपने मालिक की सदेव सेवा करने वाले सेवादार की तलाश थी|
सारी खुबिया तुममे है उसके बाद भी तुममे ज़रा सा भी अहंकार नही है , तुम इसलिए शेर के PM बनने लायक हो,”| यह सुन गधा शेर से मिलने चल पड़ा |
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The lion and the foolish donkey story in Hindi |
जैसे ही गधा तथा रंगा शेर की मादं मे घुसे शेरखां उस पर झपटा | गधा डरकर ढेचू- ढेचू करता भाग गया|
सियार ने शेर से बोला , डरा दिया बेचारे को ? कोशिश करता हूँ मै उसे फिर से लाने की |” सियार ने जाकर फिर से गधे को बहला फुसला कर शेरखां से मिलने के लिए मना लिया | दुबारा जैसे ही गधा मादं में घुसा, शेरखां ने उसको दबोचकर मार दिया | रंगा भी भूखा था उसने शेरखां को हाथ मुह धोकर आने को कहा |
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The lion and the foolish donkey story in Hindi |
जैसे ही शेरखां गया सियार ने गधे के सिर में से दिमाग निकालकर खा लिया | लौटने पर शेरखां ने पूछा, “मेरा शिकार किसने छुआ था? सियार डर गया की पकड़ा गया तो शेर मुझे भी मारकर खा जायेगा |” उसने दिमाग लगाया और बोला महाराज किसी ने हाथ नही लगाया | उसने शेर से पूछा क्या हुआ महाराज | शेर ने बोला इसका दिमाग कहा है जब इसे किसी ने नही छुआ तो | रंगा सियार ने चालाकी से उत्तर दिया, “इस गधे का भेजा नही है | महाराज आप खुद सोचिये अगर गधे के पास दिमाग होता तो क्या वह दूसरी बार वापस आता?|”
(Moral Of This Story)The Lion and the Foolish Donkey: –
- चापलूसी करने वालो और झूठी तारीफ करने वालो से सदेव बच कर रहना चाहिए
- एक बार की गयी गलती को दुबारा दोहराना नही चाहिए
- अपनी काबिलियत को पहचानो और दुसरे के बहकाने में मत आओ
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